रविवार, 28 जून 2020

टीकटाक गाथा...


जब से हमारे देश में इंटरनेट की सुविधा का विस्तार हुआ और स्मार्ट फोन आम आदमी के बजट में आया तब से सोशल मीडिया नाम के एक लत का प्रवेश भारतीय जनमानस में हुआ। प्रारंभिक दौर में फेसबुक का आगमन हुआ और देश के एक छोटे से गांव में रहने वाले आम आदमी की पहुंच वैश्विक स्तर पर हुई और अंतर्राष्ट्रीय मित्रता की शुरुआत हुई। फेसबुक के बदौलत जिनका पड़ोस में भी दोस्त नहीं था उनकी दोस्ती दुनिया भर के लोगों से होने लगी।फिर आया वाट्सएप...ये भी फेसबुक का अनुगामी था और आगे चलकर फेसबुक के अधिकार क्षेत्र अंतर्गत आ ही गया।फिर आया सबसे प्रलंयकारी एप...टीकटाक।जिसने भारत में धूम मचा दिया।इस एप के बदौलत एक से बढ़कर एक छुपे रूस्तम कलाकार निकलकर बाहर आए।टीकटाक के कारण ही एक से बढकर एक डांसर,सिंगर, आर्टिस्ट और बहुमुखी प्रतिभा के धनी लोगों का अभ्युदय हुआ।
  वैसे टीकटाक का जन्म हमारे पड़ोसी देश चीन में हुआ और उसका सबसे बेहतर पालन-पोषण हमारे यहां हुआ।शंघाई के दो युवा मित्रों ने मिलकर मनोरंजन के उद्देश्य से इस अद्भुत और अलौकिक एप्प का निर्माण किया। शुरूआती दौर में इसका नाम Musically था जिसे एक प्रसिद्ध चीनी कंपनी ने खरीदकर टीकटाक नाम से दुनिया को उपलब्ध कराया।इस एप में लिपसिंक और डांस के माध्यम से अपना हुनर दुनिया को दिखाया जा सकता है।साल 2016 से यह एप्प अस्तित्व में आया और बहुत ही कम समय में इसने अपार लोकप्रियता प्राप्त कर लिया।खासतौर से हमारे देश में तो इस एप्प को हाथों-हाथ लिया गया।15 से 30 सेकंड की अवधि में अपने हुनर को गीत संगीत और डांस के माध्यम से लोगों के सामने रखना प्रतिभा प्रदर्शन का सहज और सुगम माध्यम साबित हुआ ये एप्प। खासतौर से सीमित सुविधा के बीच रहने वाली ग्रामीण प्रतिभाएं मुखरित हुई।
   हमारे देश मे प्रतिभा का अपार भंडार है।जितने कलाकार बालीवुड और क्षेत्रीय सिनेमा में नहीं होंगे उससे कहीं अधिक हम सबके आसपास बाजार में सब्जी खरीदने झोला लिए घूम रहे थे।ऐसे ही गुमनाम और प्रतिभाशाली लोगों के लिए टीकटाक वरदान साबित हुआ।अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का एक बेहतरीन प्लेटफार्म  नजर आया इस एप्प में लोगों कोऔर टीकटाक को भारत में अपार सफलता मिली।इस एप्प के माध्यम से नैसर्गिक प्रतिभा के धनी लोगों को अपनी कला के लिए पहचान मिली और वे समाज में अपना अलग स्थान बनाने मे कामयाब भी हुए।टीकटाक स्टार के रूप में स्थापित कुछ लोगों को अपनी कला के माध्यम से रोजगार भी मिला।
लेकिन जैसा कि होता आया है-अति सर्वत्र वर्जयेत।कुछ लोगों को टीकटाक की लत लग गई और उसके चक्कर में वे अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा,नौकरी यहां तक की प्राणों से भी हाथ धो बैठे। खतरनाक स्थानों पर टीकटाक बनाने के चक्कर में कुछ नवजवान काल की गाल में समा रहे हैं। समाचार पत्रों में आए दिन इस आशय का समाचार छपते रहता है।टीकटाक लोकप्रिय होने के साथ-साथ विवादास्पद भी होता जा रहा है।कुछ समय पहले ही टीकटाक विडियो के माध्यम से एसिड अटैक की घटना को प्रोत्साहित करने के कारण एक फेमस टीकटाक स्टार की आइडी टीकटाक से हटाया गया और उसको विरोध का सामना करना पड़ा।टीकटाक के कारण बेशर्मी भी बढ़ी नजर आती है।निजी जीवन के क्षण,शादी, सालगिरह यहां तक की शवयात्रा के विडियो भी टीकटाक पर वायरल होने लगे हैं।किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति के मौत के दो मिनट बाद ही उनसे संबंधित फोटो और विडियो के विडियो टीकटाक में दिखने लगता है।
 इस एप्प पर अश्लीलता को बढ़ावा देने के आरोप भी लगते रहे हैं।वैसे तो टीकटाक आधिकारिक रूप से 13 वर्ष के अधिक उम्र के लोगों को टीकटाक बनाने की अनुमति देता है लेकिन उससे कम उम्र के लोगों की टीकटाक विडियो की भरमार टीकटाक में देखने को मिलती है।कुछ अभद्र युवक-युवतियों के द्वारा टीकटाक में अश्लील इशारे और द्विअर्थी संवाद भी किया जाता है जो किसी भी किस्म का फिल्टर टीकटाक में न होने के कारण सीधे ही टीकटाक पर दिखाई देते हैं।अश्लीलता को बढ़ावा देने के आरोप में कुछ देशों ने इस पर आंशिक बैन भी लगाया था। हमारे देश में भी इस पर बैन लगाने की मांग हुई थी लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कुछ समय के बैन के बाद इस फिर से अनुमति मिल गई।टीकटाक की लोकप्रियता का आलम ये है कि बड़े और छोटे पर्दे के सितारे भी इसमें अपने विडियो बनाकर सोशल मीडिया में शेयर करते नजर आते हैं।बालीवुड कलाकारों के हमशक्ल तो टीकटाक पर खासे व्यस्त और मशहूर हैं। क्षेत्रीय सिनेमा के कलाकार भी टीकटाक के माध्यम से अपनी लोकप्रियता को भुना रहे हैं। उनके अनेकानेक चाहनेवाले लाखों की संख्या में फालोवर बनकर अपने प्रिय सितारे का उत्साहवर्धन करते हैं।
  बीते 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों का झड़प हुआ जिसमें हमारे देश के 20 जवान शहीद हुए और भारत माता की गोद में तिरंगा ओढ़कर सदा-सदा के लिए चिरनिद्रा में लीन हो गए।इस घटना के बाद से भारत में चीन के खिलाफ आक्रोश का माहौल है।स्थिति तनावपूर्ण है।चाइना निर्मित वस्तुओं के बहिष्कार की बातें देशभर में चल रही है साथ ही तमाम सोशल मीडिया के माध्यम से इस चाइनीज एप्प टीकटाक के बहिष्कार करने का निवेदन भी वायरल हो रहा है।जिसके समर्थन और विरोध में हमारे अपने ही तू-तू-मैं-मैं कर रहे हैं।इस मुद्दे पर सबके विचार अलग-अलग हो सकते हैं।पर मेरा मानना है कि किसी भी कलाकार को अपनी कला दिखाने का मौका तभी मिल सकता है जब देश सलामत रहेगा।देश के सम्मान की कीमत पर किसी मनोरंजक एप्प के प्रति अत्यधिक लगाव मूर्खता का ही परिचायक है।अभी वक्त हमारे देश के सैनिकों का मनोबल ऊंचा करने का है।आप भी अपना योगदान दें.....

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