गुरुवार, 5 सितंबर 2024

कहीं दूर जब दिन ढल जाए....

 


फिल्म आनंद का ये खूबसूरत गीत आप सब ने जरुर सुना होगा। मुझे बेहद पसंद है और हो सकता है आप में से बहुतों को पसंद हो।दिन का निकलना और ढल जाना सृष्टि का नियमित चक्र है। इसमें कभी कोई ढिलाई नहीं होती।

हम सबके जीवन में भी रोज उम्मीदों का सवेरा आता है और कामयाबी या नाकामयाबी का तोहफा देके चला जाता है।अक्सर ऐसा होता है कि हम जो योजना भविष्य के लिए बनाते हैं वो ज्यादातर बार पूरा नहीं हो पाता। अनगिनत बार हम असफल हो जाते हैं।ऐसा लगने लगता है कि अब कुछ अच्छा होगा ही नहीं।

लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। हमें सतत् प्रयास करना चाहिए।शेष ईश्वर के ऊपर छोड़ देना चाहिए। सिर्फ ध्यान इतना रखना चाहिए कि हमारे काम से किसी का अहित ना होता हो।हताशा के क्षण हर एक व्यक्ति के जीवन में आता है। कभी कभी तो कुछ रास्ता सूझता भी नहीं है।केवल शून्य नजर आता है।ऐसे मुश्किल समय में हमारे परिजन और मित्र ही काम आते हैं। इसलिए रिश्तों की डोर को थाम के रखना चाहिए।

सफलता की चकाचौंध भी बहुत घातक होती है।हमको कभी-कभी ऐसा भ्रम भी हो जाता है कि मैं जो भी करुंगा उसमें कामयाबी ही हाथ लगेगी। लेकिन कामयाबी का लगातार स्वाद चखने वाला व्यक्ति नाकामयाबी की एक चोट से बिखर भी जाता है। इसलिए सफलता के नशे में झूमते रहना और असफलता के दुख में मायूस हो जाना भी उचित नहीं है।

वैसे दुनिया का चलन ऐसा है कि कामयाब आदमी को सब सलाम ठोंकते हैं और नाकामयाब आदमी से कन्नी काटने लगते हैं। पिछले दिनों उज्जैन यात्रा के दौरान मैंने रेलवे प्लैटफॉर्म पर दो दृश्य देखे।एक दृश्य में एक व्यक्ति हाथी पांव के बीमारी से ग्रस्त होने के बावजूद अपने बड़े से पैर को घसीटते घसीटते भीख मांगते जीवन जीने के प्रयास में लगा हुआ है।दूसरे दृश्य में दोनों पैरों से दिव्यांग व्यक्ति एक छोटे से लकड़ी के तख्त पर चक्के लगाकर लोगों के बैग में खराब हो चुके जीपर लगाने का काम खुश होकर कर रहा था।जब इतनी परेशानी के बाद भी लोग हौसला रख सकते हैं तो सिर्फ कुछ विपरीत आर्थिक, मानसिक या शारीरिक परिस्थिति से घबराकर जीवन की चुनौती से मुंह फेरना सही नहीं होगा।

बस धीरज का दामन हमको थामे रखना होगा। वक्त बदलने तक। तकदीर के पलटने तक।शेष फिर कभी...

ब्लॉग में जो तस्वीर मैंने लगाई है वो आदरणीय मंगलमूर्ति सोनी जी द्वारा चिल्का झील में खींची गई है। बेहतरीन फोटोग्राफी के लिए उनको धन्यवाद 


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